अपर टर्मिनल में स्टील बाइंडिंग का काम शुरू, 15 मिनट में होगा सफर; लेटेस्‍ट अपडेट

DEHRADUN

दून-मसूरी रोप-वे परियोजना के तहत बनने वाले 26 टावर में से करीब 20 का निर्माण शुरू हो चुका है। मसूरी के गांधी चौक में बन रहे अपर टर्मिनल का समतलीकरण होने के बाद स्टील बाइंडिंग का कार्य चल रहा है।

गांधी चौक से रोप-वे तक पहुंचने के लिए मार्ग बन रहा है। वहीं, पुरुकुल में लोअर टर्मिनल स्टेशन के तीन टावर का निर्माण तेजी से चल रहा है। जबकि तीन मंजिल तक पार्किंग बन चुकी है और चौथे मंजिल का कार्य भी जल्द शुरू होगा। पर्यटन विभाग का दावा है कि वर्ष 2026 के अंत तक इसे पूर्ण कर संचालन शुरू करा दिया जाएगा।

मई से जुलाई तक रोज 25 हजार पर्यटक पहुंचते हैं मसूरी

पर्यटन सीजन के दौरान मई से जुलाई तक रोज 25 हजार से अधिक पर्यटक राजधानी से मसूरी पहुंचते हैं। सीजन में पर्यटक और वाहनों की भीड़ होने के कारण अक्सर मसूरी में क्षमता से अधिक लोग पहुंच जाते हैं और वहां जाम की समस्या बन जाती है। देहरादून-मसूरी मार्ग भी अधिकतर पैक रहता है।

इसके अलावा बारिश के दौरान भूस्खलन होने से कई बार मसूरी मार्ग बंद हो जाता है। साल 2024 में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने मसूरी जाने वाले पर्यटक की समस्याओं के निदान और सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए 300 करोड़ रुपये से दून-मसूरी रोप-वे परियोजना का खाका खींचा। विभाग ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के अंतर्गत मसूरी स्काइवार कंपनी के माध्यम से त्वरित रूप से इसका निर्माण शुरू करा दिया।

रोप-वे का एक छोर शहर से 12 किमी दूर पुरकुल गांव में और दूसरा गांधी चौक मसूरी में बनाया जा रहा है। इसके लिए पुरुकुल में लोअर टर्मिनल का फाउंडेशन कार्य पूर्ण हो गया और अब टावर बनाने का कार्य किया जा रहा है।

15 मिनट में होगा सफर

दून-मसूरी रोपवे का सफर बेहद रोमांचक होगा। पहाड़ों के बीच से होते हुए पर्यटक मात्र 15 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे। एक बार में एक तरफ से 1300 पर्यटक को ले जाने की क्षमता होगी। आमतौर पर निजी वाहन से देहरादून से मसूरी पहुंचने में करीब 1.5 घंटे का समय लगता है। देहरादून से मसूरी की सड़क से दूरी 33 किमी है, जबकि रोप-वे से यह सफर सिर्फ 5.5 किमी का होगा।

फ्रांस से आएंगे रोप और केबिन

रोप-वे के रोप और केबिन सहित सभी संसाधन यूरोप के शहर फ्रांस से मंगाए जा रहे हैं। एक केबिन में एक साथ 10 पर्यटक के बैठने की क्षमता होगी। केबिन के दरवाजे आटोमैटिक खुले और बंद होंगे। शुरुआत में 55 केबिन मंगाए जा रहे हैं। इसके बाद इनकी संख्या 71 होगी।

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